समुदाय निगरानी दल के सवालों का जवाब देगा सेवा प्रदाता दल, गैर जिम्मेदार कर्मचारी होंगे हाथोंहाथ निलंबित, जनप्रतिनिधियों और आमजन में उत्साह, कलक्टर ने मीडिया से सहयोग की अपेक्षा जताते हुए कहा- कम्युनिटी को हो अपनी ताकत का अहसास
चूरू, 23 फरवरी। संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन के लिए जिले में अभिनव पहल के रूप में शुरू किए गए ‘जवाबदेही’ कार्यक्रम को लेकर गुरुवार सवेरे 11 बजे जिलेभर में हो रही ग्रामसभाओं में आमजन का प्रतिनिधित्व करने वाले समुदाय निगरानी दल और प्रशासन का प्रतिनिधित्व कर रहे सेवा प्रदाता दल के सदस्य आमने-सामने होंगे। विभिन्न सेवाओं और सुविधाओं को लेकर लोगों की शिकायतों का जवाब सेवा प्रदाता दल के सदस्यों को देना होगा।
बुधवार को इस संबंध में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए जिला कलक्टर विकास एस भाले ने पत्रकारों को बताया कि देश के कुछ राज्यों में पहले से यह कार्यक्रम चल रहा है लेकिन राज्य में चूरू जवाबदेही कार्यक्रम लागू करने वाला पहला जिला हैै। यदि यहां प्रयोग सफल रहा तो बाकी जिलों में भी इसे लागू किया जा सकेगा और फिर संभव है कि इस संबंध में राज्य स्तर पर कोई एक्ट बन जाए। उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ ही दिनों में इसके सार्थक परिणाम मिलने शुरू हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि ग्राम सभाओं में विचार-विमर्श के लिए विभागवार प्रश्नावली तैयार की गई है जो मौके पर ही भरी जाएगी और उससे सेवा प्रदाताओं की कार्यकुशलता का मूल्यांकन होगा। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के प्रति किसी भी प्रकार की शिथिलता बरतने वाले और ग्राम सभा में अनुपस्थित रहने वाले सर्विस प्रदाता को हाथोहाथ निलंबित कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम की मूल अवधारणा यह है कि अधिकारी-कर्मचारी स्वयं को जनता का सेवक समझें और आमजन को अपनी ताकत का अहसास हो। हम यह चाहते हैं कि लोग अपनी समस्याओं के समाधान और सुविधाओं के विकास के लिए स्वयं खड़े होकर सवाल पूछें और सर्विस प्रदाताओं को जवाबदेही के लिए मजबूर करें। उन्होंने कहा कि ग्राम सभा को संवैधानिक दर्जा प्राप्त है और गांव व ग्रामीणों की समस्या को उठाने के लिए यह एक सशक्त मंच है। उन्होंने बताया कि जवाबदेही कार्यक्रम शुरू में पंचायती राज को सौंपे गए पांच विभागों पर ही खासतौर पर केंद्रित रहेगा लेकिन दूसरे विभागों से जुड़ी समस्याओं पर भी चर्चा हो सकेगी और उन्हें कार्यवाही में दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मीडिया इस मामले में बहुत अहम भूमिका निभा सकता हैं क्योंकि यह जनजागरण का एक बहुत अच्छा जरिया है। उन्होंने कहा कि मीडियाकर्मी कार्यक्रम के बेहतर प्रचार-प्रसार के लिए प्रशासन का सहयोग करें और अधिक बेहतर क्रियान्वयन के लिए अपने सुझाव भी दे। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम को लेकर बहुत अच्छा फीडबैक मिल रहा है और आमजन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों में इसे लेकर खासा उत्साह है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम की मॉनीटरिंग के लिए जिला एवं ब्लॉक स्तर पर कोर ग्रुप बनाए गए हैं तथा सभी ग्राम सभाओं के लिए पर्यवेक्षण अधिकारी लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि जवाबदेही कार्यक्रम के लिए पृथक ग्राम सभा रजिस्टर का संधारण किया जाएगा। प्रेस वार्ता के दौरान मुख्य कार्यकारी अधिकारी अबरार अहमद, एडीएम बी एल मेहरड़ा, पीआरओ रामप्रसाद शर्मा सहित पत्रकारगण मौजूद थे।
क्या है एसपीटी और सीएमटी
सेवा प्रदाता दल (एसपीटी) में ग्राम पंचायत क्षेत्र में कार्यरत सभी राजकीय विभागों के वरिष्ठतम कार्मिक शामिल रहेंगे जबकि समुदाय मॉनिटरिंग दल (सीएमटी) में ग्राम के 11 से 15 प्रबुद्ध ग्रामीण, वार्ड पंच, सेवानिवृत्त कार्मिक, भूतपूर्व सैनिक, स्वयंसेवी संस्थाओं और स्वयं सहायता समूहों के प्रतिनिधि, जागरुक महिलाएं आदि शामिल होंगे। स्थानीय सरपंच सीएमटी का अध्यक्ष होगा।
अन्य जनप्रतिनिधि भी कर सकेंगे निरीक्षण
जवाबदेही की इस प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए सांसद, विधायक, जिला प्रमुख, उप जिला प्रमुख, संबंधित जिला परिषद सदस्य तथा पंचायत समिति सदस्य भी ग्राम सभाओं का पर्यवेक्षण कर सकेंगे।
पर्यवेक्षण के लिए बनाए गए हैं कोर ग्रुप
जवाबदेही संबंधी ग्राम सभाओं में लिए गए प्रस्तावों पर कार्यवाही के लिए एवं समीक्षा के लिए जिला एवं ब्लॉक स्तर पर कोर ग्रुप बनाए गए हैं। जिला स्तरीय कोर ग्रुप में एडीएम, सीईओ, डीएसओ तथा डीआईओ रहेंगे जबकि ब्लॉक स्तरीय कोर ग्रुप में संबंधित एसडीएम, तहसीलदार व विकास अधिकारी शामिल रहेंगे।
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